ज्ञान सरोवर में स्पार्क मीटिंग (रिसर्च) के
लिए आये हुए भाई बहिनों से -
सभी रिसर्च करने के लिए इकठ्ठे हुए हैं |
अच्छा है जितना अन्तर्मुखता के कमरे में बैठ रिसर्च करेंगे उतना अच्छे से अच्छी
टचिंग होंगी | और इसी टचिंग से अनेक आत्माओं को लाभ मिलेगा | तो अच्छा है | करते
रहो लेकिन प्रयोग और योग दोनों का बैलेंस रखते आगे बढ़ते चलो | बाकी अच्छा है |
जितना मनन करो उतना ही मक्खन निकलता है | तो कोई न कोई अच्छा माखन निकालेंगे जो
सबमें शक्ति भरे | अच्छा | (२७-०२-१९९६)
स्पार्क ग्रुप : यह बहुत बड़ा ग्रुप है | स्पार्क वाले रिसर्च करते हैं ना ! स्पार्क
वालों को विशेष यह अटेंशन में रहे कि जैसे साइंस प्रत्यक्ष अनुभव कराती है, मानो
गर्मी है तो साइंस के साधन ठण्डी का प्रत्यक्ष अनुभव कराते हैं | ऐसे रिसर्च वालों
को विशेष ऐसा प्लान बनाना चाहिए कि हर एक जो बाप की या आत्मा की विशेषतायें हैं,
ज्ञान स्वरुप, आनन्द स्वरुप, शक्ति स्वरुप .......इस एक-एक विशेषता का प्रैक्टिकल
में अनुभव क्या होता है | वह ऐसा सहज साधन निकालो जो कोई भी अनुभव करने चाहे तो
चाहे थोड़े समय के लिए भी अनुभव कर सके कि शान्ति इसको कहते हैं, शक्ति की अनुभूति
इसको कहते हैं | एक सेकंड, दो सेकंड भी अनुभव कराने की विधि निकालो | तो एक सेकंड
भी अगर किसको अनुभव हो गया तो वह अनुभव आकर्षित करता है | ऐसी कोई इन्वेंशन निकालो
| आपके सामने आवे और जिस विशेषता का अनुभव करने चाहे वह कर सके | क्या-क्या
भिन्न-भिन्न स्थिति होती है, जैसे साधना करने वाले जो साधु हैं वह प्रैक्टिकल में
उन्हों जो अनुभव कराते हैं, चक्र नाभी से शुरू हुआ फिर ऊपर गया, फिर ऊपर जाके क्या
अनुभूति होती है | ऐसे आप अपने विधिपूर्वक मन और बुद्धि द्वारा उनको अनुभव कराओ | लाइट
बैठकर नहीं दिखाना है लेकिन लाइट का अनुभव करें | रिसर्च का अर्थ ही है –
‘प्रत्यक्ष विधि द्वारा अनुभव करना, कराना |’ तो ऐसा प्लान बनाके प्रैक्टिकल में
इसकी विधि निकालो | जैसे योग शिविर की विधि निकाली ना तो टेम्प्रेरी टाइम में योग
शिविर में जो भी आते है वह उस समय तो अनुभव करते हैं ना ! और उन्हों को वह अनुभव
याद भी रहता है | ऐसे कोई-न-कोई गुण, कोई-न-कोई शक्ति, कोई-न-कोई अनादि संस्कार,
उन्हों की अनुभूति कराओ | तो ऐसी रिसर्च वालों को पहले स्वयं अनुभूति करनी पड़ेगी
फिर विधि बनाओ और दूसरों को अनुभूति कराओ | आजकल लोगों को भक्ति में जैसे चमत्कार
चाहिए ना, मेहनत नहीं – ‘चमत्कार|’ ऐसे आध्यात्मिक रूप में अनुभव चाहिए | अनुभवी
कभी बदल नहीं सकता | जल्दी-जल्दी अनुभव के आधार से बढ़ते जायेंगे | सुना | अभी
नई-नई विधि निकालो | आप कहते जाओ वह अनुभव करते जायें, इसके लिए बहुत पावरफुल अभ्यास करना पड़ेगा | (१५-०२ -२०००)
स्पार्क वाले एक हाथ उठाओ | अच्छा बहुत अच्छा
| अभी इसी विषय पर रिसर्च करो, वायुमण्डल कैसे प्रैक्टिकल में श्रेष्ठ ते श्रेष्ट
बना सकते है | रिसर्च कर रहे हो ना ! ऐसा वायुमण्डल बनाने के लिए क्या-क्या कर्म
में करना है, सम्बन्ध-सम्पर्क में करना है | अच्छा है अपने आप को बिजी रखते हो,
अच्छी बात है | लेकिन बापदादा यह प्रैक्टिकल अनुभव देखने चाहते हैं कि कैसे
प्रैक्टिकल किया और उसका परिणाम क्या निकला ? अगर बीच में कुछ भी रूकावट आई तो
क्या आई ? यह अनुभव प्रैक्टिकल करके देखो, सिर्फ पॉइंट्स नहीं निकालना, यह करना है
| नहीं | करो | अनुभव करके एक्जेम्पुल बनकर दिखाओ और वह एक्जम्पुल औरों को भी
सहयोग देगा | ठीक है ना ! यह (रमेश भाई)
निमित्त है ना ! अच्छा है | बापदादा अभी भी 15 दिन पड़ा है अभी लास्ट नहीं हुआ है |
अभी बहुत गया, लेकिन थोडा रहा है तो स्पार्क वाले ऐसा प्रैक्टिकल करके देखो और
औरों को दिखाओं | ठीक है ? कर सकेंगे ? हो
सकेगा | अच्छा, ठीक है, बहुत अच्छा | अच्छा | (२४-०२ -२००२)
स्पार्क ग्रुप : अच्छा, ऐसा ही प्लान बनाओ जो आपकी
मीटिंग से आप ही अपने-अपने स्थान पर समय को समीप लाने के एक्जेम्पुल बन जाओ | यही प्लान बना रहे हो ना !
कि आने वाले समय में क्या तैयारी चाहिए ! बापदादा यही इशारा देते हैं – कोई भी
समस्या को सामना करने के लिए सहज विधि है पहले एकग्रता की शक्ति | मन एकाग्र हो
जाए, तो एकाग्रता की शक्ति निर्णय बहुत अच्छा करती है | इसीलिए देखो कोर्ट में भी
तराजू दिखाते हैं | निर्णय की निशानी तराजू इसलिए दिखाते हैं – एकाग्र कांटा हो
जाता है | तो कोई भी समस्या को जिस समय चारों ओर हलचल हो उस समय अगर मन की एकग्रता
की शक्ति हो, जहाँ मन को चाहो वहाँ एकाग्र हो जाए, निर्णय हो जाए किस परिस्थिति
में कौन सी शक्ति कार्य में लायें, तो एकग्रता की शक्ति दृढ़ता स्वत: ही दिलाती है
और दृढ़ता सफलता की चाबी है | तो ऐसे अपने को एक एक्जाम्पल बनाके औरों को प्रेरणा
देते रहो | ठीक है ना ! अच्छा है | हर एक वर्ग अपने सेवा की उन्नति के उमंग उत्साह
में अच्छा है | अच्छा है और अच्छा ही होगा | अच्छा है, सब भिन्न-भिन्न सेंटर के
अच्छे-अच्छे कार्य में लगे हुए हैं, प्लान बनाने में | सफलता तो है ही | अच्छा | (२८ -०२-२००३)
स्पार्क ग्रुप भी आया है : बहुत अच्छा है
| अनुभवी मूर्त बन, अनुभव कराने का प्रैक्टिकल में रिसर्च कर रहे हैं | और इसी को,
अनुभूति कराने की रिसर्च को और बढाओ| प्रैक्टिकल में सबूत लाओ तो दुनिया एक्जाम्पल
देख करके सहज मान जाती है | अच्छा है | आगे बढ़ते चलो और एक्जाम्पल बन औरों को भी
एक्जाम्पल बनाओ | बहुत अच्छा | (०५-०३-२००४)
स्पार्क ग्रुप : (मूल्यनिष्ठ समाज
की रखना करने का लक्ष्य रख अभियान निकालने का सोचा है, जिसमें हर ज़ोन हर विंग इसी
के अंतर्गत सेवा करें, साथ-साथ अंतिम समय की तैयारियां तथा संस्कार परिवर्तन के
विषय पर गहन अनुभूति कराने का लक्ष्य रखा है )
बहुत अच्छा, घर-घर
में आवाज़ फ़ैल जायेगा | और ऐसा ग्रुप तैयार करो जो गवर्मेंट तक भी आवाज़ जाये, यह
अभियान करायेंगे तो आवाज़ जायेगा | अच्छा सोचा है | संख्या तो बहुत है | सब रिजल्ट
निकालना, फिर बापदादा और मुबारक देंगे | अच्छा है यह उमंग-उत्साह, अपने पुरुषार्थ
में भी उमंग-उत्साह बढ़ायेगा | सिर्फ सेवा
में ही नहीं, साथ में अपने पुरुषार्थ में भी उमंग-उत्साह बढ़ता जाए, सेवा भी बढ़ती
जाए | बाकी अच्छा किया है, मुबारक हो | (०३-०२-२००५)
6 विंग्स आई हैं : (ग्राम विकास, सपोर्ट,
ट्रांसपोर्ट, महिला, प्रशासक, स्पार्क ग्रुप) विंग्स को काम दे दिया, अभी 15 दिन के बाद फिर देखेंगे | अच्छा बच्चे
भी आये हैं, (5 विकारों की मल्लयुद्ध दिखाई है ) अच्छा |
सपोर्ट विंग है | माया के खेल को तो जान गये हो ना | उसमें तो बहादुर हो ना | खेल
वाले हमेशा बहादुर होते हैं | तो मायाजीत में भी बहादुर हो ना | कभी हार खाना नहीं
है | बापदादा के गले का हार बनना है | हार नहीं खाना है | ऐसे पक्के हो ना |
बहादुर हो ? बहादुर हैं वाह ! बहुत अच्छा | अच्छा | तो मायाजीत का भी सिखाती हो ना
अच्छा | बैठ जाओ | अच्छा | अब क्या करेंगे ?
अभी एक सेकंड में अपने मन से सब संकल्प समाप्त कर एक सेकंड
में बाप के साथ परमधाम में ऊँचे ते ऊँचे स्थान, ऊँचे ते ऊँचे बाप, उनके साथ ऊँची
स्थिति में बैठ जाओ | और बाप समान मास्टर सर्वशक्तिवान बन विश्व की आत्माओं को
शक्तियों की किरणें दो | अच्छा | (१४-०३-२००६)
जो स्पार्क विंग
है, उसमें क्या
रिसर्च किया है ? क्या एक्जाम्पल कोई रिसर्च करने के बाद एक्जाम्पल प्रूफ बनाया
है, जैसे हार्ट पेशेंट निरोगी बन गये हैं, वह सबूत है, यूथ का भी समाचार सुना, तो
अच्छा गवर्मेंट तक सबूत जा रहा है | ऐसे गाँव वालों की सेवा में भी प्रत्यक्ष
सेंटर गीता पाठशालायें खुल गये हैं, यह रिकार्ड तो अच्छा है, ऐसे स्पार्क वालों
ने, स्पार्क वाले हैं कल्चर वाले खड़े हैं तो ऐसा कोई विशेष एक्जाम्पल बनाया है कि
रिसर्च से यह परिवर्तन का सैंपल बना है, बापदादा वह सैंपल देखने भी चाहते, सुनने
भी चाहते| क्या रिसर्च किया और कितनों ने उस रिसर्च करने का प्रैक्टिकल लाभ उठाया
| यह देखने चाहते हैं | कल्चर वालों ने क्या कल्चर डिपार्टमेन्टस में, कोई ऐसी
डिपार्टमेन्ट तैयार की है जो प्रत्यक्ष रूप में वर्णन करें कि हमनें आध्यात्मिक
कल्चर द्वारा यह-यह अनुभव किया है | हमारी सारी डिपार्टमेन्ट परिवर्तन हुई है |
ऐसे सभी वर्ग को, सभी वर्ग को बापदादा यही कहते हैं ऐसे सात-आठ, दस-बारह एक्जाम्पल
तैयार करो जो फिर गवर्मेंट को, वर्गीकरण क्या करता है उसका एक्जाम्पल सुनायें | तो
गवर्मेंट का भी सहयोग मिल सकता है | बापदादा ने सुना था एक डिपार्टमेन्ट ने कहा है
कि पैसा हमारे पास है, काम आपके पास है | तो काम का प्रत्यक्ष सबूत देखने से
उन्हों का भी सफल कराओ ना, नहीं तो ऐसे ही बिचारा खजाना चला जायेगा | उन्हों को
यूज़ करने नहीं आता, आप सफल करा सकते हो, प्रभाव से | तो सभी वर्ग वाले मिलके ऐसा
कोई प्लान बनाओ जो प्रैक्टिकल में हर वर्ग का सबूत दिखाई दे | (३१-१२-२००७ )
(स्पार्क मीटिंग का समाचार रमेश भाई ने लिखकर संदेशी द्वारा
बापदादा के पास भेजा है ) रमेश जो कर रहे है ना, स्व उन्नति का भी लिखा है, उसको
बार-बार अटेंशन दिलाओ | सेवा में प्रैक्टिकल कर लेते हो ना, ऐसे स्व उन्नति में
प्रैक्टिकल किया या नहीं उसका भी चार्ट रखो | बाकी समाचार मिला था, सोचा अच्छा है
| (१७-०३-२००७)
स्पार्क वाले भी अपना प्लान बना रहे हैं, अच्छा है अभी ऐसा
कुछ करके दिखाओ जो जैसे साइंस प्रत्यक्ष फल दिखाती है, ऐसे साइलेंस की शक्ति इतना
स्पष्ट और सहज प्रत्यक्ष रूप में अनुभव कराये जो सब कहें ब्रह्माकुमारियों के पास
सहज साधन है | इन्वेंशन कर रहे हैं और होगा भी | सब बुद्धि अच्छी चला रहे हैं तो
बुद्धि द्वारा कोई न कोई प्रत्यक्ष फल निकल आयेगा | अच्छा है | मेहनत अच्छी है, फल
निकल रहा है, निकलता रहेगा, यह तो होना ही है | अच्छा | अभी एक सेकण्ड में, एक
सेकण्ड हुआ, एक सेकण्ड में सारी सभा जो भी जहाँ है वहाँ मन को एक ही संकल्प में
स्थित करो मैं बाप और मैं परमधाम में अनादि ज्योतिबिन्दु स्वरुप हूँ, परमधाम में
बाप के साथ बैठ जाओ | अच्छा | अभी साकार में आ जाओ | अभी वर्तमान समय के हिसाब से
मन-बुद्धि को एकाग्र करने का अभ्यास, जो कार्य कर रहे हो उसी कार्य में एकाग्र
करो, कंट्रोलिंग पॉवर को ज्यादा बढ़ाओ | मन-बुद्धि संस्कार तीनों के ऊपर कंट्रोलिंग
पॉवर | यह अभ्यास आने वाले समय में बहुत सहयोग देगा | वायुमण्डल के अनुसार एक
सेकण्ड में कन्ट्रोल करना पड़ेगा | जो चाहे वही हो | तो यह अभ्यास बहुत आवश्यक है |
इसको हल्का नहीं करना | क्योंकि समय पर यही अन्त सुहानी करेगा | (०२-०२-०८)
स्पार्क के प्रति अव्यक्त बापदादा के शुभ
आशायें एवं शिक्षायें :
अच्छा मीटिंग्स तो करते रहते हो और अच्छा उमंग उत्साह से
करते रहते हो यह बापदादा देखता और सुनता रहता है | धारणा के प्लान भी बनाते रहते
हो | बापदादा ने समाचार सुना सभी अपनी स्व-उन्नति और सेवा के प्लान नये-नये भी
बनाते रहते हो | अभी लक्ष्य यही रखना है कि दुनिया वालों को अभी दिलासा देने की
आवश्यकता है | वह बिचारे सर्कम्स्तांश को देख भ्रमित हो रहे है | डर फैल रहा है तो
ऐसे समय पर आपको विशेष तो सारी आत्मायें आपकी हैं, लेकिन विशेष आप अपने वर्ग को
दिलासा दिलाओ कि आप अगर मेडिटेशन का कोर्स करेंगे तो आपका डर वा टेंशन समाप्त हो
जायेगा | और ज्ञान पहले न दो पहले मेडिटेशन करो और कराओ | उसका निमंत्रण दो |
टेंशन फ्री लाइफ का अनुभव करने का प्रोग्राम ज्यादा करो | करते हो लेकिन अब ज्यादा
करो उन्हों को आध्यात्मिक शक्ति का अनुभव कराओ | सिर्फ भाषण नहीं लेकिन अनुभव कराओ
| भले छोटे छोटे ग्रुप को कराओ | बड़े ग्रुप को कराओ लेकिन अनुभव कराओ | अनुभव वाला
व्यक्ति कभी रह नहीं सकता और अनुभव की अथॉरिटी नंबरवन हो अनुभव वाला किसी के
बह्कावें में नहीं आ सकता | समस्या में घबरा नहीं सकता क्योंकि मेडिटेशन की
टेम्पटेशन ज्यादा अनुभव कराओ | बाकि प्रोग्राम तो करते रहते हो वह तो चलते रहेंगे और चलाओ लेकिन यह विशेष ध्यान दो
कोई भी आता है, कोर्स करता है, लेकिन कोर्स के बीच में अनुभव किया या सिर्फ नॉलेज
ली | अनुभव जरुर कराओ | किसी भी बात का, चाहे ज्ञान की हिसाब से परमात्मा ज्ञान
है, यह अनुभव हो, योग द्वारा अपने में शक्तियों की अनुभूति हो, हिम्मत आवे, कोई भी
बात की समस्याओं को हल करने की हिम्मत आवे
और धारणा की हिम्मत आवे, नहीं तो धारणा सुन करके घबरा जाते है | पहले प्राप्ति सुनाओ,
प्राप्ति क्या होती है | प्राप्तियों की आधार से आकर्षित होते है | क्या मिलेगा,
क्या बनेगा, कैसे समस्यायें आपके लिए सहज हो जायेंगे, ऐसी ऐसी अनुभव की बातें
सुनाओ | ( ०१/०३/२००१)
ग्राम विकास विंग, साइंस इंजिनियर विंग
और स्पार्क : अपना परिचय
अच्छी तरह दे रहे है | अच्छा तीनों ही वर्ग का समाचार बापदादा ने सुना है | तो हर
एक वर्ग जो भी आये हो उन्होंने आपस में अच्छी प्रगतिशील मीटिंग की है और मीटिंग
में अपना अपना आगे का प्लान भी बनाया है | बापदादा खुश है कि आजकल वर्ग वाले सेवा
में हर एक नंबरवन लेना चाहते है | यह तीव्र पुरुषार्थ का उमंग उत्साह देख बापदादा
सभी वर्गों को ख़ास इन तीनों वर्गों को पदमगुणा मुबारक दे रहे है | प्लान अच्छे
बनाये है | अच्छे बनाये है और उमंग का बनाया है | इसलिए बापदादा तीनों को कहते है
जो प्लान बनाये हैं वह अभी जल्दी से जल्दी प्रैक्टिकल में लाओ | बापदादा को पसंद
है | सिर्फ बीच-बीच में आजकल तो फ़ोन सिस्टम भी है, आपस में कांफ्रेंस करने की | तो
हर एक वर्ग का जो विशेष निमित्त है, वह बीच-बीच में फ़ोन कांफ्रेंस करके भी उमंग
उत्साह बढ़ाओ | क्योंकि अपने-अपने शहर में उमंग उत्साह दिलायेंगे तो जैसे मीटिंग
में उमंग उत्साह आता है विशेष | ऐसे बीच-बीच में रिजल्ट पूछ उन्हों को भी उमंग में
लाओ | अच्छा है | यह बोर्ड पब्लिक के तरफ करो | नेचर की भी आजकल सभी को चिंता है |
तो आप विशेष सन्देश दो, मन की नेचर द्वारा प्रकृति की नेचर को कैसे सुधार सकते है
| प्लान बनाया है लेकिन अभी हर जगह मिलकर प्रोग्राम द्वारा एनाउन्स करो, छोटे-छोटे
प्रोग्राम भी बनाओ लेकिन आवाज फैलाओ | अभी जो भी प्रोग्राम चल रहे है बापदादा ने देखा
कि हर एक प्रोग्राम में आवाज़ फैलाने का तरीका बहुत अच्छा बनाया है और भी जो कर रहे
है, उसमें सबके निमित्त बने हुए सेवाधारियों की राय लेकर और प्रोग्राम में चार
चाँद और लगाओ | जहाँ भी जाये विशेष या छोटे-छोटे स्थानों में भी आवाज़ हो,
ब्रह्माकुमारियां कुछ प्रोग्राम कर रही है | शान्ति में नहीं बैठो, अभी उमंग
उत्साह से आवाज़ फैलाओ | अभी नजदीक आने का समय है | वायुमण्डल अभी वैराग्य वृति का
नवीनता देखने और सुनने का इच्छुक है | एक दो में राय कर और उत्साह उमंग का चारों
ओर आवाज़ फैलाओ | मुख्य जो स्थान है, देश है उसमें वर्तमान समय इकट्ठा सन्देश
पहुँचे, हर मुख्य स्थान पर अखबारों में आवे, यह हुआ, यह हुआ ..... यह कर रहे है , यह
कर रहे है..... चाहे रेडियो, चाहे टी.वी. सब तरफ से आवाज़ फैलाओ | अपने-अपने एरिया
में भी टी.वी. द्वारा, रेडियो द्वारा आवाज़ फैला सकते हो | अच्छा | बहुत-बहुत
मुबारक हो, वर्ग आजकल उत्साह में कर रहे है, और करते रहना | अच्छा | (३०-०१-२०१०)
स्पार्क : स्पार्क विंग भी अपना-अपना कार्य कर
रही है | बापदादा ने देखा कि हर एक अपने वर्ग की सेवा में आत्माओं को अनुभवी बना
रहे हैं, उनको अच्छे-अच्छे विचारों से उनकी बुद्धि बहुत अच्छी बना रहे हैं और
धारणा भी लोगों को करते हैं इसलिए हर एक विंग के लिए बाबा ने कहा तो सेवा कर रहे
हो, साथी बना रहे हो और अधिक साथी बनाके ऐसा ग्रुप तैयार करो, संगठन तैयार करो जो
संगठन गवर्नमेंट के सामने जाए और उनको अपना कार्य और रिजल्ट सुनाये | हर एक वर्ग
की अपनी-अपनी गवर्नमेंट की शाखा है, तो उन्हों की भी सेवा हो और लोगों की भी सेवा
हो | अच्छा | (१७-०२-२०११)
चार विंग्स की मीटिंग है : (स्पार्क,मीडिया,स्पोर्ट,रिलीजियस) : अच्छा यह ही विंग सर्विस के लिए बहुत मददगार है भी और
आगे भी बन सकते हैं क्योंकि चार ही विंग्स अनेकों को कनेक्शन में ला सकते हैं |
चाहे मीडिया है तो मीडिया अभी तो घर-घर में सन्देश पहुँचाने का प्लान अच्छा बना
रहे हैं | बापदादा ख़ुश है कि एक दो सहयोगी बन कर रहे हैं, आगे बढ़ गये हैं, बढ़ भी
रहे हैं | तो बापदादा अभी
मीडिया द्वारा यही चाहते हैं कि सन्देश यह मिले कि अब समय प्रमाण हर एक आत्मा को
अपने बाप से वर्सा लेने की प्रेरणा आवे |सुनते तो हैं लेकिन कितने वारिस निकले,
मीडिया द्वारा कितने वारिस अभी तक भी निकले हैं, वह लिस्ट आनी चाहिए | बापदादा ने
सुना है प्रभाव अच्छा है और स्टूडेंट बढ़ते भी हैं लेकिन लिस्ट निकालो, हर एक
सेन्टर पर, हर एक ज़ोन में कितने मीडिया सेवा से निकले हैं | ऐसे ही जो भी वर्ग हैं
वह अभी लिस्ट निकालो, कईयों ने आज लिस्ट दी भी है कनेक्शन में आने वालों की,
वी.आई.पी. है वह लिस्ट दी भी है लेकिन उन्हों का संगठन करके उन्हों को उमंग उत्साह
देके आगे बढ़ाओ | कनेक्शन में तो आते हैं लेकिन आगे के लिए ऐसा प्रोग्राम बनाओ जो
वह भी समझे तो हमको आगे क्या करना है | सुना, लेकिन आगे बढ़ना है उसका स्पष्टिकरण
थोड़ा सुनाओ | और लिस्ट निकालो कितने इस वर्ग के तरफ से ऐड होते हैं | होते हैं
लेकिन पता नहीं पड़ता है | बाकी बापदादा सभी विंग्स को मुबारक दे रहे हैं क्योंकि हर एक
विंग यह कोशिश करती है कि सेवा की वृध्दि हो और वृध्दि के प्लान भी अच्छे बनाती है
| चार ही वर्ग अपनी-अपनी सेवा अच्छी कर रहे हैं क्योंकि विंग्स अभी समझते हैं हम
जिम्मेवार हैं | कोशिश भी अच्छी करते हैं विंग्स इसीलिए बापदादा खुश है और इसी
रीति से जैसे अटेंशन देकर के विंग्स के कार्य में लगे हुए हो ऐसे और भी आगे बढ़ते
रहो, मुबारक बापदादा देते हैं | बढ़ रहे हैं बढ़ते रहो | चार ही विंग्स के लिए
बापदादा कह रहे हैं | कोई भी विंग कमजोर नहीं है अपने हिसाब से आगे ही बढ़ रही है |
बाकी बापदादा ने जो काम दिया है वह तो ध्यान पर होगा ही | कोई ऐसे समझदार वी.आई.पी
हर विंग से आते है उन्हें तैयार करो | ऐसे समझदार हिम्मत वालों का एक ग्रुप बनाओ
जो वह भिन्न-भिन्न वर्ग वाले ग्रुप मिल करके एक-एक बात को स्पष्ट करे | यह काम
जरुर करो | यह काम आगे वाले कर सकते हैं, हिम्मत दिला सकते हैं | अभी प्रैक्टिकल
में आवाज़ निकले कि ब्रह्माकुमारियाँ क्या चाहती हैं | इस 75 वर्ष की सर्विस ने सभी को
ब्रह्माकुमारीज़ का महत्त्व स्पष्ट किया है | आवश्यक है, कर सकती हैं, यहाँ तक आये
हैं, सब वर्ग का सहयोग है | लेकिन परमात्मा आया है, ब्रह्माकुमारियों तक पहुँचे
हैं | परमात्मा आ गया अभी यह समझ में आता भी है जिस समय सुनते हैं उस समय नशा चढ़ता
है लेकिन मैदान में आवे वह हिम्मत अभी आ रही है | आयेगी | आनी तो है ही | अभी आने
की हिम्मत आई है, कोई भी प्रोग्राम आप देखेंगे डल नहीं जाता है, सक्सेस जाता है,
पहले नाम सुनके ही भागते थे ना | अभी समझते हैं कि ब्रह्माकुमारियाँ कार्य अच्छा
कर रही हैं और विधिपूर्वक करते हैं | इतना अटेंशन गया है | बापदादा चार ही विंग के
नाम भी देखे, जिन्होंने दिये हैं, कनेक्शन में तो अच्छे हैं लेकिन उन्हों को थोडा
सामने लाओ | उन्हों का प्रोग्राम करो | प्लान दो उन्हों को क्या कर सकते हैं हम |
धरनी तैयार हुई है अभी फल निकलना है इसीलिए बापदादा खुश हैं | मेहनत करते हो उस पर
खुश हैं | तो चार ही विंग्स को मुबारक हो, मुबारक हो | अच्छा पुरुषार्थ कर रहे हो
| अच्छा | (०२-०२-२०१२)
स्पार्क,
बिज़नस, स्पोर्ट्स, एजुकेशन, मीडिया विंग की मीटिंग है : आधा हाल तो यही दिखाई
दे रहे हैं | सभी हाथ हिलाओ | देखो कितने हैं | आधा हाल तो आप लोग हैं | अच्छा है,
बापदादा ने देखा है कि हर एक विंग में उमंग-उत्साह है और उमंग-उत्साह के कारण सेवा
के चान्स भी अच्छे-अच्छे बनाते हैं | लेकिन बापदादा की एक बात भी करनी है | हर एक
विंग अभी तह जो मुख्य निमित्त बनाया है, अच्छे-अच्छे मददगार निकाले हैं, तो हर एक
विंग पहले लिस्ट भेजे कि जब से विंग की स्थापना हुई, अब तक कितने और कौन-कौन
निमित्त बने हैं | अभी पहले लिस्ट भेजें हर एक फिर सभी का संगठन करेंगे | कौन-कौन
निकले हैं कौन-सा ग्रुप ज्यादा है, तो भिन्न-भिन्न ऑक्यूपेशन वालों का फिर अलग-अलग
करेंगे लेलिन पहले लिस्ट भेजो | हर एक ने कितने रेगुलर स्टूडेंट बनाये हैं, कितने
सम्पर्क वाले बनाये हैं, कितने सहयोगी बनाये हैं, यह लिस्ट हर एक विंग करेकी आनी
चाहिए | चाहे सहयोगी भी बने हैं, सहयोगियों की भी लिस्ट आवे | तो ज़ोन की रिजल्ट का
सबको पता पड़ जायेगा | अच्छी बात है ना | करेंगे ? लिस्ट लिखना पड़ेगा | उसके बाद
फिर प्रोग्राम आपको मिलेगा क्योंकि मेहनत तो करते हैं | बापदादा ने देखा विंग वाले
अपने-अपने सब्जेक्ट की सेवा अच्छी कर रहे हैं और रिजल्ट भी अच्छी है, बापदादा खुश
है | बहुत अच्छा है, अच्छा रहेगा और आपकी रिजल्ट को देख और भी आगे बढ़ेंगे| सबको
बहुत-बहुत याद्प्यार स्वीकार हो |(२०-०२-२०१३)